आज के कलयुग में सबसे अधिक मान्यता किसी देवता की है तो वह है हनुमान जी क्योकि वही एक ऐसे भगवान है जो इस युग में भी साक्षात् विद्यमान है। जैसा की एक कथा के अनुसार सर्वविदित है की श्री हनुमान जी अजर-अमर है और यही कारण है की आज करोड़ों हिन्दू भाई – बहन उनकी भक्ति कर नित्य उनकी कृपा प्राप्त करते है। नियमित रूप से श्री हनुमान जी की आरती hanuman ji ki aarti गाने वाले के सब संकट दूर होते है।
हनुमान जी की भक्ति में श्री हनुमान चालीसा के बाद आरती का भी बड़ा महत्व है। इसलिए नीचे दी गई है hanuman ji ki aarti lyrics in hindi
॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
हनुमान जी की आरती | Shri Hanuman Ji Ki Aarti
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥
Shri Hanuman ji ki aarti pdf download
वैसे तो हनुमान आरति आप कभी भी गा सकते है और रोज़ भी पाठ करना उत्तम फलदाई होता है किन्तु विशेष अवसरों पर जैसे श्री हनुमान जन्मोत्सव हो या मंगलवार और शनिवार के दिन पूजा के बाद श्री हनुमान आरती का पाठ अत्यधिक शुभ माना जाता है।
आरती वीडियो | Aarti Video
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श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसा, का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं।
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