भगवान श्री गणेश मंगल करने वाले हैं। वे विघ्न व बाधाओं का हरण करते हैं इसलिए विघ्नहर्ता कहे जाते हैं। भगवान गणेश देवो के देव भगवान शिव और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र हैं। शिव-पार्वती के पुत्र गणेश ज्ञान व बुद्धि के देवता हैंतो मातृ व पितृ भक्ति के पर्याय भी हैं। पूरे भारत में उन्हें प्रथम पूज्य देव का मान प्राप्त है। हर शुभ कार्य में श्री गणेश का वंदन सबसे पहले किया जाता है।
भगवान गणेशजी को भारतीय धर्म और संस्कृति में प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। सभी मांगलिक कार्य में पहले गणेश जी की स्थापना और स्तुति की जाती है। उनकी पूजा के बगैर कोई भी मंगल कार्य शुरू नहीं होता।

भगवान श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
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Video Aarti
आइये नीचे हम गणेश जी की आरती का video देखते है। संगीत के साथ श्रीमती अनुराधा पोडवाल जी द्वारा गाई गई यह आरती हमारे मन में निश्चित ही भक्ति भाव उत्पन्न करने में समर्थ है।
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