कार्तिकेय जी, जिन्हें दक्षिण भारत में मुरुगन, स्कंद और सुब्रमण्य के नाम से भी जाना जाता है, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं। वे युद्ध और साहस के देवता हैं और देवताओं की सेना के सेनापति माने जाते हैं। उनका वाहन मोर है, जो बुद्धिमत्ता और शक्ति का प्रतीक है। उनके छह मुख (षण्मुख) सर्वज्ञता और हर दिशा में चौकस रहने का प्रतीक हैं। कार्तिकेय जी की पूजा विशेष रूप से दक्षिण भारत में होती है, जहाँ तमिलनाडु के पलानी में उनका प्रमुख मंदिर है। भगवान कार्तिकेय या मुरुगन या मयूरी कंदासामी (सुब्रह्मण्य को तमिल हिंदुओं के बीच एक लोकप्रिय हिंदू देवता कहा जाता है। Kartikeya Ji Ki Aarti करने से हमें सहस और ऊर्जा मिलती है जिससे सफलता प्राप्त होती है।
कार्तिकेय जी की आरती | Kartikeya Ji Ki Aarti
जय जय आरती वेणु गोपाला
वेणु गोपाला वेणु लोला
पाप विदुरा नवनीत चोरा
जय जय आरती वेंकटरमणा
वेंकटरमणा संकटहरणा
सीता राम राधे श्याम
जय जय आरती गौरी मनोहर
गौरी मनोहर भवानी शंकर
सदाशिव उमा महेश्वर
जय जय आरती राज राजेश्वरि
राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि
महा सरस्वती महा लक्ष्मी
महा काली महा लक्ष्मी
जय जय आरती आन्जनेय
आन्जनेय हनुमन्ता
जय जय आरति दत्तात्रेय
दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार
जय जय आरती सिद्धि विनायक
सिद्धि विनायक श्री गणेश
जय जय आरती सुब्रह्मण्य
सुब्रह्मण्य कार्तिकेय ||
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कार्तिकेय जी का जन्म असुर तारकासुर का नाश करने के लिए हुआ था, और उन्होंने देवताओं की रक्षा की थी। उनके द्वारा धारण किया गया “वेल” शक्ति का प्रतीक है, और उन्हें साहस और वीरता के आदर्श के रूप में पूजा जाता है। उनकी पूजा से भक्तों को साहस, शक्ति और दृढ़ संकल्प का आशीर्वाद मिलता है, जिससे वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
कुछ विशेष जानकारी :
कार्तिकेय कौन है ?
कार्तिकेय को स्कंद भी कहा जाता है, जो शिव के बड़े पुत्र हैं। कार्तिकेय का वाहन मयूर / मोर है।
भगवान कार्तिकेय अविवाहित क्यों हैं?
क्योकि गणेश जी कार्तिकेय के छोटे भाई है और उनका विवाह उनके माता पिता ने पहले करवा दिया गया था इसलिए कार्तिकेय जी ग़ुस्सा हो गए थे और उन्होंने विवाह करने से मना कर दिया था।
मोर किसका वाहन है?
भगवान कार्तिकेय जी का वाहन मोर है , जिसे मयूर भी करते है। इसलिए कार्तिकेय जी को मुरुगन नाम से भी जानते है।
कार्तिकेय की कितनी पत्नियां हैं?
ऐसा बताया गया है की शिव जी के पुत्र कार्तिकेय जी की दो पत्नियाँ बताई गई है। उनकी एक पत्नी का का नाम देवयानी, बताया गया है जो इन्द्र देवता की पुत्री है। इन्हें देवसेना के नाम से भी पुकारा जाता है | वहीँ दूसरी पत्नी का नाम वल्ली बताया जिन्हे भगवान विष्णु की पुत्री बताया गया है।
भगवान कार्तिकेय कहां रहते हैं उनका स्थान कहाँ है ?
भगवान कार्तिकेय कैलाश पर्वत से दूर जा कर ‘श्रीशैलम’ नाम के पर्वत पर जा कर रहने लगे थे जो की आंध्र प्रदेश में स्थित है। एक समय में शिव जी भी उसी पर्वत पर ज्योतिर्लिंग के रूप में इस्थापित हुए, कालांतर में जो की श्रीमल्लिकार्जुनम नाम से प्रसिद्ध हुए।
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