Durga Mata Ki Aarti Lyrics: चैत्र नवरात्रि का प्रारम्भ दुर्गा माता जी की साधना का उत्तम समय है। नवरात्री के नौ दिनों में प्रति दिन माता जी के पूजन -पाठ के पश्चात् नैवैद्य लगा कर उनकी आरती अनिवार्य रूप से की जाती है। दुर्गा माता की आरती, “जय अम्बे गौरी …” लम्बी होने के कारण कुछ लोगों को याद नहीं रहती, यहाँ नीचे दी गई आरती और वीडियो का आप लाभ ले सकते है और अपनी पूजन को संपन्न कर सकते हैं…
Navratri Durga Ji Ki Aarti Lyrics: वैसे तो माँ दुर्गा जी की आराधना प्रतिदिन होनी चाहिए यह कुल की रक्षा करती है और उन्नति प्रदान करतीं है लेकिन चैत्र नवरात्र के समय पुरे नौ दिनों तक माता जी की पूजन का बहुत महत्व है। प्रतिदिन माँ की पूजन की बाद Durga Maa Ki Aarti जरूर करनी चाहिए। इससे माता जी प्रसन्न होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी करतीं है।
दुर्गा जी की आरती (Durga Mata Ki Aarti)
—- ** ॐ जय अम्बे गौरी… मैया जय श्यामा गौरी ** —-
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी ।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
संगीतमय माँ दुर्गा आरती | Durga Mata Ki Aarti – Video : Singer Alka Yagnik
माँ दुर्गा के 21 नाम | Maa Durga ke 21 Naam
1. दुर्गतिशमनी | 11. दुर्ग मच्छेदनी |
2. दुर्गनाशिनी | 12. दुर्गनिहन्त्री |
3. दुर्गमज्ञानदा | 13. दुर्गदैत्यलोकदवानला |
4. दुर्गमा | 14. दुर्गमालोका |
5. दुर्गमात्मस्वरुपिणी | 15. दुर्गमार्गप्रदा |
6. दुर्गमगा | 16. दुर्गमार्थस्वरुपिणी |
7. दुर्गमांगी | 17. दुर्गमता |
8. दुर्गमेश्वरी | 18. दुर्गभीमा |
9. दुर्गभामा | 19. दुर्गमो |
10. दुर्गोद्धारिणी | 20. दुर्गमार्गप्रदा |
21. दुर्गमालोका |
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥