अयोध्या राम मंदिर से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ | Complete Information of Shri Ram Mandir Ayodhya in Hindi

अगर आप भी राम मंदिर से जुड़ी रोचक जानकारियाँ ढूंढ रहे है तो अब आप बिलकुल सही पेज पर लैंड हुए है। यहाँ आपको shree ram mandir ayodhya से जुड़ी सभी अद्भुत जानकारियां और किस्से जानने को मिलेंगे। ram mandir ayodhya up का कुल बजट, मंदिर की संरचना की जानकारी, टाइम-कैप्सूल का सच, मंदिर में लगे पत्थरों और राम लला की मूर्ति की जानकारी आपके हर सवाल का जवाब दिया गया है यहाँ :

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions about Shri Ram Mandir Ayodhya

राम मंदिर की निर्माण लागत क्या है ?

अयोध्या में प्रभु श्री राम जी का जो मंदिर बना है उसकी लागत 1,800 करोड़ रुपये आई है। यहाँ पर 70 दिनों का महोत्सव रखा गया है जिसके लिए सर्कार द्वारा 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। इस सांस्कृतिक उत्सव को ‘रामोत्सव’ के नाम से बुलाया गया है जो 14 जनवरी 2024 से प्रारम्भ हो चूका है व इसका समापन 24 मार्च 2024 को होगा।

राम मंदिर के निर्माण के लिए इतनी फंडिंग कहा से आई ?

भारत में करोड़ों भारतीय राम जी को अपने सबसे प्रिय भगवान के रूप में मानते है, इसलिए उनके मंदिर निर्माण के लिए भक्तों ने दिल खोल कर दान दिया है। विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतियों की और से भी इस विशेष कार्य के लिए बहुत फंडिंग आई है।

मंदिर निर्माण की देखरेख किसने की ?

मंदिर निर्माण की देखरेख राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा की जाती है, जो परियोजना के वित्तीय पहलुओं का प्रबंधन करता है

श्री राम प्रतिमा में कितना सोना और हिरे-मोती लगे है ?

राम लला की मूर्ति को आकर्षित बनाने और उन्हें राज -पुत्र जैसा वास्तविक रूप देने के लिए करीब 15 किलो सोना उपयोग किया गया है। इन आभूषणों में 18,000 हिरे और पन्ने का इस्तेमाल हुआ है जो इनकी सुंदरता को कई गुना बढ़ा देता है।

राम लला की मूर्ति में राम जी को कितने साल का बच्चा दिखाया गया है ?

राम लला की मूर्ति में श्री राम भगवान को 5 / पांच वर्ष की आयु का बालक दिखाया गया। है

राम मंदिर के लिए किन विशेष बॉलीवुड अभिनेता को आमंत्रित किया गया?

राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में 500 से भी अधिक राजकीय अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। जिसमे बॉलीवुड से शीर्ष अभिनेता अमिताभ बच्चन, शीर्ष तेलुगु अभिनेता प्रभास, जूनियर एनटीआर, अल्लू अर्जुन के साथ ही दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत भी शामिल थे।

अयोध्या राम मंदिर के निर्माण में मुख्य वास्तुकार कौन रहे हैं?

चंद्रकांत सोमपुरा जी श्री राम मंदिर निर्माण में मुख्य वास्तुकार रहे है।

राम मंदिर में कितने स्तंभ हैं?

राम मंदिर में कुल 390 स्तंभ है। यह 2.67 एकड़ में फैला हुआ शानदार मंदिर है।

राम मंदिर कितना विशाल है?

अयोध्या का राम मंदिर विश्व के सबसे बड़े मंदिरों में एक बन गया है। 250 फीट चौड़ाई और 161 फीट ऊंचाई वाला यह मंदिर करीब 2.67 एकड़ के छेत्र में फैला हुआ है, जिसमें 5 मंडप हैं और 46 दरवाजे है।

राम मंदिर अयोध्या की संरचना क्या है?

अयोध्या राम मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची होगी। मंदिर में कुल 392 खंभे (स्तम्भ) और 44 द्वार होंगे। मंदिर के चारों ओर एक परकोटा बना होगा जो 14 फीट चौड़ा और 732 मीटर परिधि वाला होगा। राम मंदिर की चौड़ाई 235 फीट, लंबाई 360 फीट, और ऊंचाई 161 फीट रहेगी ।

राम मूर्ति काली क्यों हैं?

बड़े बड़े विद्वानों ने प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन करने के बाद यह निर्णय लिया। जैसा की ग्रंथों में श्री राम को श्याम वर्ण वाला बताया गया उसी श्यामल रूप को चित्रित करने का प्रयास इस मूर्ति में किया गया है।

अयोध्या में राम की मूर्ति किसने बनाई?

मैसूर, कर्नाटक के एक प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है।

कृष्ण शिला क्या है?

राम लला की मूर्ति कृष्ण शिला पत्थर से ही बनाई गई है। यह सुन्दर और आकर्षक होने के साथ ही वर्षों तक एक सा ही रहता है। यह एचडी कोटे और मैसूर जिलों में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है।

राम लला की मूर्ति कितनी बड़ी है ?

राम लला की प्रतिमा 51 इंच उचाई की है। इसे कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री अरुण योगिराज जी ने 7 -8 महीनों की कड़ी मेहनत से कृष्ण शिला पर उकेरा है।

राम मंदिर के गर्भगृह में किस संगमरमर का उपयोग किया जाता है?

गर्भगृह में जो चबूतरा बनाया गया है वह मकराना के शुद्ध संगमरमर के उपयोग से बनाया गया है। इस विशाल सिंहासन को बनाने में पत्थरों की सात परतें बिछाई गई है जो चार इंच मोटाई वाली है।

राम मंदिर में कौन सी धातु (Metal) का उपयोग किया गया है?

यह राम मंदिर की विशेषता है की पुरे मंदिर निर्माण में कही भी एक छोटी सी कील के रूप में भी किसी धातु का उपयोग नहीं किया गया है। पुरे मंदिर की संरचना संगमरमर, बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट जैसे मजबूत पत्थरों पर ही टिकी है।

क्या नेपाल से एक शालिग्राम नामक पत्थर अयोगध्या लाया गया है?

हाँ. नेपाल में जनकपुर नामक स्थान है जो प्रभु श्री राम का ससुराल है वहीँ से सड़क के रास्ते करीब एक सप्ताह चलते हुए शालिग्राम शिलाएं करीब 1,000 किलोमीटर की यात्रा तय कर अयोध्या लाइ गईं। यहाँ नेपाल में जो जानकी मंदिर है वहां के पुजारियों ने यह शिलाएं राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों को सौंप दी। इस अवसर पर 51 पुजारियों ने भक्तों की भारी भीड़ की उपस्थिति में पूजा-अर्चना की।


राम लला की मूर्ति बनने में कितना समय लगा?

शिल्पकार के द्वारा बताया गया कि राम लला की मूर्ति बनाने में उन्हें 7 से 8 महीनों का समय लगा। इस बीच उन्हें कई सारे अनुभव भी प्राप्त हुए।

अयोध्या राम मंदिर के लिए सबसे अधिक राशि किसने दान की ?

सूरत , गुजरात के एक बड़े व्यापारी श्री दिलीप कुमार जी लाखी द्वारा असाधारण रूप से 101 किलों सोने का दान किया गया। यह करीब 68 करोड़ रुपये का दान माना जा सकता है। मोरारी बापू जो की भारत में और विदेशों में भी प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु के रूप में विख्यात है उल्लेखनीय योगदान देते हुए करीब 11 करोड़ रुपये का दान दिया।


राम मंदिर के नीचे क्या है? क्या मंदिर के नीचे time capsule सच में है ?

अयोध्या राम मंदिर के नीचे करीब २ हज़ार फ़ीट की गहराई में एक “टाइम कैप्सूल” रखा गया है जिसमे राम मंदिर से जुडी सभी विशेष जानकारी संजो के रखी गई है। यह कैप्सूल “राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ” द्वारा रखा गया है।

राम मंदिर के निर्माण का काम किस कंपनी को दिया गया ?

राम मंदिर निर्माण कार्य को सम्पन्न करने के लिए भारत की शीर्ष कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) से 15 वर्षों पूर्व चर्चा होने लगी थी। L&T से चर्चा करने वालो में सरकार की ओर से अशोक सिंघल जी का नाम था। L&T ने 1,800 करोड़ रुपये की लागत के इस विशेष प्रोजेक्ट को स्वीकार भी किया और भारतीय परंपरा के अनुसार इस मंदिर के निर्माण का वादा भी किया।

राम मंदिर कौन से शैली में डिज़ाइन किया गया है ?

राम मंदिर को नागर शैली में डिज़ाइन किया गया है। श्री चंद्रकांत सोमपुरा और उनके बेटे आशीष सोमपुरा ने इसे डिज़ाइन किया है जो की वास्तुकला में निपूर्ण है।

राम मंदिर ट्रस्ट को किस स्तर पर मिला दान | Donation Secrets of Shri Ram Mandir Ayodhya UP

ram mandir donation details

राम मंदिर परियोजना का संकल्प इसी आधार पर लिया गया था कि इसमें सिर्फ दानदाताओं के पैसे से ही सारा कार्य संपन्न किया जाएगा और हुआ भी ऐसा ही। जितनी आवश्यकता थी उससे अधिक आगे बढ़कर दानदाताओं ने दान किया और राम मंदिर एक भव्य राम मंदिर बन पाया।

सूरत के एक बड़े व्यापारी दिलीप कुमार वी लखी और उनके पूरे परिवार ने उल्लेखनीय दान देकर अपना योगदान दिया है। अभी तक जितना भी दान आया उसमें से सबसे अधिक राशि लखी परिवार की ओर से ही प्राप्त हुई जिसमें उन्होंने 101 किलोग्राम सोने का दान किया जिसका मूल्य देखा जाए तो करीब 68 करोड रुपए होता है। इस सोने को मंदिर के विभिन्न स्थानों पर उपयोग किया जाएगा जिसमें के कुछ गर्भ ग्रह में, कुछ डमरू, त्रिशूल, दरवाजे और स्तंभ शामिल होंगे।

हम सभी के चहेते पूजनीय मुरारी बापू जो की आध्यात्मिक गुरु के रूप में पूरे विश्व में प्रसिद्ध है उन्होंने भी करीब 11 करोड रुपए का दान राम मंदिर के लिए किया जो की सराहनीय है। उसके अतिरिक्त अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन आदि देशों में रहने वाले हजारों राम भक्त जो कि मूलतः भारतीय है उन्होंने भी करीब 8 करोड रुपए का योगदान दिया। गोविंद भाई ढोलकिया जो कि गुजरात के ही एक और हीरा व्यापारी है इन्होंने भी 11 करोड रुपए का दान राम मंदिर निर्माण के लिए दिया।

इसके अलावा भारत के मनोरंजन क्षेत्र की विशेष बड़ी बड़ी हस्तियों ने, राजनीतिक हस्तियों ने और आम जन सभी ने अपनी योग्यता के अनुसार बढ़-चढ़कर राम मंदिर निर्माण में राशि पहुंचा कर अपना योगदान दिया जिसकी वजह से ही यह राम मंदिर इतना भव्य बन सका।

92 वर्ष में भी जिस वकील ने हार नहीं मानी | Father of the Indian Bar Appeared for Ram Mandir Ayodhya

advocate k parasaharan_ ayodhya_Ram_Mandir

राम मंदिर जन्मा भूमि का केस वर्षों से कोट में चलता रहा , यह इस देश का दुर्भाग्य माना जा सकता है की ईश्वर के होने का भी प्रमाण हमें कोट में देना पड़ा लेकिन यह सकारात्मक विचार भी है की इससे यह सन्देश जाता है की हमारे देश की न्याय व्यवस्था पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। अगस्त 2019 में, सुप्रीम कोर्ट में “भारतीय बार के पितामह ” कहे जाने वाले 92 साल के वरिष्ठ वकील के. परासरन को फिर से देखा गया। उन्होंने भारत के पूर्व अटॉर्नी जेनेरल के पद पर भी कार्य किया है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में राम जन्मभूमि की ओर से लड़ने वाले परासरन पांच-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष फिर से अदालत कक्ष में उपस्थित हुए।

शारीरिक रूप से कमजोर होने के बाद भी उन्होंने केस को पूरी शिद्दत से लड़ा। पीठ ने उनसे बैठने का अनुरोध भी किया लेकिन वह लगातार 5 दिनों तक मामले पर जोरदार बहस करते रहे। भले ही अदालत कक्ष के अंदर आने और बाहर जाने के समय उन्होंने सहायता ली, लेकिन परासरन ने जूते उतार कर हर दिन चार घंटे से अधिक समय तक नंगे पैर कोट में राम लला के लिए बहस की।

उनका कहना था: “मरने से पहले मेरी एकमात्र इच्छा इस मामले पर बहस खत्म करना है।”  

क्या सच में राम मंदिर के नीचे “टाइम कैप्सूल” रखा गया है? और क्यों ? | Reality of Time-Capsule under Ram Mandir Ayodhya

time capsule ayodhya ram mandir

अयोध्या में राम मंदिर के नीचे करीब 2000 फीट की गहराई में टाइम कैप्सूल को रखा गया है। राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा इस कैप्सूल को बनाया गया और इसमें राम मंदिर से जुड़ी सारी जानकारी को एकत्रित करके रखा गया है। भविष्य में किसी भी प्राकृतिक आपदा या अनहोनी होने पर अगर इसका उपयोग करने की स्थिति बनती है तो यह सारे सवालों का जवाब खुद होगा और किसी भी अन्य विवादास्पद स्थिति से बचने के लिए इस टाइम कैप्सूल को बनाया गया है।

इसमें राम और राम मंदिर से दूजे तथ्यों को संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इसका कारण यह है कि संस्कृत में बहुत कम शब्दों में लंबे वाक्य लिखे जा सकते हैं याने कम अक्षरों में बहुत अधिक जानकारी समेटी जा सकती है। अक्सर इस प्रकार के टाइम कैप्सूल बड़ी-बड़ी इमारत की नीव में रखे जाते हैं जिससे कि कई वर्षों बाद भी उससे संबंधित जानकारी प्राप्त हो सके। पुरातत्वविदों और इतिहासकारों के लिए यह time -capsule बहुत सहायक होते है।

उल्लेखनीय है कि भूमि पूजन के समय यह टाइम कैप्सूल रखना था लेकिन वह संभव नहीं हो पाया था। क्योंकि उस समय टाइम कैप्सूल का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका था। टाइम कैप्सूल को बनाने के लिए इसमें स्टेनलेस स्टील, तांबे और एल्यूमीनियम जैसी धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसका जो कागज होता है वह भी एसिड मुक्त होता है जिससे कि कई सालों बाद भी यह कागज खराब नहीं होता और इसकी लिखाई नहीं मिटटी।

राम मंदिर के नीचे रखा गया टाइम कैप्सूल 3 फीट लंबा है और धातुओं के ऐसे मिश्रण से बना है की सदिओं तक इसे कुछ नहीं होगा। भविष्य की पीढ़ियों को यह आज के युग , संस्कृति और परिवेश की सही जानकारी देने में समर्थ होगा।

मंदिर निर्माण के समय अयोध्या में हुए कुछ चमत्कार | Miracles at Ram Mandir Ayodhya

ram mandir ayodhya chamatkar

चमत्कार १. रोज़ एक वानर देखता था कार्य प्रगति

राम लला की सुन्दर मूर्ति बनाने वाले कर्नाटक के शिल्पकार श्री अरुण योगी राज जी ने अपना अनुभव साझा करते हुए एक किस्सा बताया जो चमत्कार से कम नहीं था। उन्होंने बताया की जब वे मूर्ति निर्माण के कार्य में व्यस्त रहते थे, तब रोज़ शाम 4 से 5 बजे के बीच एक बंदर उस स्थान पर आता था। फिर बाद में कुछ ठंड होने से जब कार्यशाला को तिरपाल से ढक दिया गया तब भी वह बंदर बाहर आ जाता जोर-जोर से खटखटाने की कोशिश करता मानो कहना चाहता हो की मुझे राम लला के दर्शन कर लेने दो।

चमत्कार २. कड़ी सुरक्षा के बीच हनुमानजी ने किए दर्शन

राम मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किये गए थे विशेषकर गर्भगृह में तो कोई परिंदा भी पर नहीं मर सकता था ऐसी सुरक्षा थी। लेकिन फिर भी एक बन्दर बिना किसी के डर में गर्भगृह में प्रवेश करता है। वह मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने अपने सामने की घटना बताई और कहा की एक बन्दर सीधे गर्भगृह की और जाने लगा लेकिन उसके हाओ भाव से नहीं लग रहा था की वह कुछ उत्पाद करेगा इसलिए उसे किसी ने रोका नहीं। वह बन्दर गर्भगृह में जा कर राम लला के दर्शन कर के सीधे वापस बाहर आ गया। लोगो का कहना है की स्वयं हनुमान जी वानर रूप में प्रभु के दर्शन हेतु ही गर्भगृह में गए और वापस आ गए।

चमत्कार ३. प्राण प्रतिष्ठा होते ही मूर्ति में आया बदलाव

कर्नाटक के प्रतिभावान मूर्तिकार श्री अरुण योगीराज जी द्वारा बनाई गई राम लला की मूर्ति को ही मंदिर में स्थापना के लिए चयनित किया गया। योगीराज जी कहते है की गर्भगृह में ले जाने से पहले उनकी मूर्ति की छवि अलग ही थी लेकिन, जब वह मूर्ति गर्भगृह में गई, अचानक ही उस मूर्ति की आभा ही बदल गई। ऐसा मैने भी महसूस किया है। उस समय गर्भगृह में अपने साथ मौजूद कुछ लोगों को भी इस बारे में मैने था कि यह कोई दैवीय चमत्कार सा लगता है। लेकिन सच में लगता है की मूर्ति में बदलाव हो गया था।

चमत्कार ४. अयोध्या में आया गिद्धों का झुंड

यह भी देखने में आया की राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के कुछ ही दिन पहले अयोध्या में कहीं से एक गिद्धों का झुंड आ गया। वह प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूर्ण होने तक वही रुका रहा , फिर कुछ दिनों बाद पता नहीं कहा चला गया। माना जा रहा है की स्वयं जटायु जी अपने साथियों के साथ राम लला के दर्शन के लिए आये थे। क्योकि गिद्धों का झुंड इस इलाके में कभी दिखाई नहीं देता और वह भी सिर्फ कुछ खास समय के लिए उनका दिखना और फिर गायब हो जाना चमत्कार से कम नहीं है।

Related Posts

1 thought on “अयोध्या राम मंदिर से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ | Complete Information of Shri Ram Mandir Ayodhya in Hindi”

Leave a Comment

error: Content is protected !!