माघ गुप्त नवरात्रि हिन्दू धर्म के अनुसार नवरात्रि हैं, जिन्हे चुप्प और भगवान के लिए विशेष मानी जाती है। माघ गुप्त नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 जनवरी 2025 से होगी और 8 फरवरी 2025 को खत्म होगी।
गुप्त नवरात्रि क्यों मनाई जाती हैं? | Gupt Navratri kyo manai jati hai
गुप्त नवरात्रि एक विशेष प्रकार की नवरात्रि होती है जो मुख्य रूप से तांत्रिक उपासना और साधना के लिए मनाई जाती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन यह उतनी प्रसिद्ध और सार्वजनिक नहीं होती जितनी चैत्र और शारदीय नवरात्रि होती हैं। इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण होते हैं:
- तांत्रिक उपासना: गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक साधक विशेष प्रकार की साधनाओं का पालन करते हैं ताकि वे विशेष सिद्धियों को प्राप्त कर सकें। यह साधनाएं अधिक गोपनीय और व्यक्तिगत होती हैं।
- ध्यान और साधना: गुप्त नवरात्रि के समय ध्यान और साधना पर विशेष ध्यान दिया जाता है। साधक अपने भीतर की शक्तियों को जागृत करने के लिए इस समय का उपयोग करते हैं।
- विशिष्ट उद्देश्य: गुप्त नवरात्रि के दौरान की जाने वाली पूजा और अनुष्ठान का उद्देश्य विशेष संकटों का निवारण, आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- कम प्रसिद्धि: यह नवरात्रि आम जनता में उतनी प्रसिद्ध नहीं होती क्योंकि इसमें किए जाने वाले अनुष्ठान और साधनाएं अधिक व्यक्तिगत और गोपनीय होती हैं।
गुप्त नवरात्रि की मान्यता और महत्व साधकों और उपासकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करती है।
माघ गुप्त नवरात्रि 2025 के महत्वपूर्ण मुहूर्त | Muhurat ka samay
- नवरात्रि शुरू: 30 जनवरी 2025 (गुरुवार, प्रातिहार 5:17 से)
- नवरात्रि खत्म: 8 फरवरी 2025 (पूर्णाहार 8:30 तक)
चैतुर्यां और पूजा की विधि | Puja Vidhi
गुप्त नवरात्रि के दौरान में कुला की चैत्न्या की पूजा की जाती है ताकि प्रतिप्न के लिए मोक्षा करने की ज्ञान हो।

माघ घटस्थापना बृहस्पतिवार, जनवरी 30, 2025 को (Gupt Navratri Muhurat)
घटस्थापना मुहूर्त – 09:30 am से 10:49 amघटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 12:18 pm से 01:02 pm
गुप्त नवरात्रि की खास और मुख्य चीजे
- माता की चैत्न्या की जानकारी
- कुलकी की चैत्न्यां
- पूजा की चीजे में भाग
गुप्त नवरात्रि क्यों मनाते हैं और इसके क्या लाभ होते हैं?
गुप्त नवरात्रि के लाभ
गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा की साधना से व्यक्ति को कई आध्यात्मिक और व्यावहारिक लाभ मिलते हैं:
- मानसिक शांति और शक्ति: देवी की आराधना से मन को शांति और दृढ़ता मिलती है।
- संकटों का निवारण: इस दौरान की गई साधनाएं और पूजा व्यक्ति के जीवन के सभी संकटों और बाधाओं को दूर करती हैं।
- सिद्धियां प्राप्त होती हैं: विशेष मंत्र जाप और तांत्रिक साधनाओं से आध्यात्मिक और भौतिक सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: देवी की कृपा से नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं, और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- आध्यात्मिक जागृति: साधना और ध्यान से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है और वह ईश्वर के करीब आता है।

गुप्त नवरात्रि का महत्व और पूजन विधि | Gupt Navratri Mahatva Aur Puja Vidhi
- माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।
- दुर्गा सप्तशती या देवी स्तोत्र का पाठ करें।
- तिलक, पुष्प, फल, और मिठाई अर्पित करें।
- ध्यान और साधना के लिए एकांत और शांत स्थान चुनें।
- यदि संभव हो, तो किसी विद्वान गुरु के मार्गदर्शन में तांत्रिक साधनाएं करें।
नोट: गुप्त नवरात्रि में नियम, अनुशासन और गुप्त साधनाओं का विशेष महत्व है। इस समय की गई पूजा और साधना के फल जल्दी प्राप्त होते हैं।