Ganesh Ji Ki Kahani: बुद्धि और भक्ति की शक्ति
यूं तो हम सभी जानते हैं कि गणेश जी बुद्धि के देवता है लेकिन क्या आपको पता है कि गणेश जी को बुद्धि के देवता क्यों कहा जाता है और क्यों उनकी पूजा हमेशा सबसे पहले की जाती है? आपने देखा होगा कि किसी भी पूजन, हवन या धार्मिक आयोजन में सबसे पहले श्री गणेश जी की ही पूजा की जाती है यह शास्त्रों के अनुसार एक नियम है यह नियम क्यों बनाया गया लिए जानते हैं Ganesh ji ki kahani के माध्यम से।
प्रस्तावना: एक बार की बात है, जब भगवान शिव और माता पार्वती के दो पुत्र, गणेश और कार्तिकेय, आपस में खेल रहे थे। खेल-खेल में दोनों के बीच यह सवाल उठा कि कौन सबसे तेज़ और शक्तिशाली है। तब दोनों ने यह निर्णय किया कि जो सबसे पहले पूरी दुनिया की परिक्रमा कर आएगा, वही सबसे श्रेष्ठ माना जाएगा। यही से शुरू होती है यह रोचक कहानी ।
कार्तिकेय का निर्णय: कार्तिकेय, जो भगवान शिव के पुत्र और युद्ध के देवता माने जाते हैं, तुरंत अपने वाहन मोर पर सवार होकर पूरी दुनिया की परिक्रमा के लिए निकल पड़े। उनकी गति अत्यंत तेज़ थी, और उन्हें विश्वास था कि वे गणेश जी से पहले परिक्रमा पूरी कर लेंगे।
Ganesh ji ki kahani में यहाँ गणेश जी की बुद्धिमत्ता का परिचय मिलता है।
गणेश जी की बुद्धिमत्ता: गणेश जी का वाहन एक छोटा सा मूषक (चूहा) था, जो तेज़ गति से नहीं चल सकता था। गणेश जी ने सोचा कि अगर वे भी कार्तिकेय की तरह पूरी दुनिया की परिक्रमा करेंगे, तो हार जाएंगे। इसलिए उन्होंने अपनी बुद्धि का उपयोग करने का निश्चय किया।
गणेश जी की परिक्रमा: गणेश जी ने अपने माता-पिता, भगवान शिव और माता पार्वती के चारों ओर सात बार परिक्रमा की और उन्हें प्रणाम किया। जब कार्तिकेय परिक्रमा पूरी करके वापस आए, तो वे यह देखकर हैरान रह गए कि गणेश जी पहले से ही वहाँ उपस्थित थे।
Ganesh ji ki kahani में यह बताया गया है कि गणेश जी ने अपने माता-पिता से कहा, “आप दोनों ही मेरी दुनिया हैं। इसलिए आपकी परिक्रमा करना ही पूरी दुनिया की परिक्रमा करने के बराबर है।” भगवान शिव और माता पार्वती गणेश जी के इस तर्क से अत्यधिक प्रसन्न हुए और उन्होंने गणेश जी को विजेता घोषित किया।
शिक्षा: इस गणेश जी की कहानी से यह सीख मिलती है कि शारीरिक शक्ति से अधिक बुद्धिमत्ता और भक्ति का महत्व है। गणेश जी ने साबित कर दिया कि सच्ची भक्ति और सही दृष्टिकोण के साथ कठिन से कठिन कार्य को भी सरलता से पूरा किया जा सकता है।
समाप्ति: गणेश जी की यह kahani उनकी बुद्धिमत्ता और भक्तों के प्रति प्रेम को दर्शाती है। इसीलिए गणेश जी को ‘बुद्धि विनायक’ कहा जाता है, जो बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं। गणेश जी की कहानी में छिपी यह सीख हमें जीवन में भी प्रेरित करती है।