राहु भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है, हालांकि इसे खगोलीय रूप से ग्रह नहीं, बल्कि एक छाया ग्रह के रूप में माना जाता है। राहु का संबंध चंद्र और सूर्य ग्रहणों से है और इसे नवग्रहों में से एक माना जाता है। आमजन में राहु के नाम से भय व्याप्त है। हमें आवशयक्ता है की हम राहु से भयभीत न होकर Rahu ke upay कर के उससे लाभ प्राप्त कर सकें ।
ज्योतिष में राहु का महत्व
राहु को ज्योतिष में छाया ग्रह कहा जाता है, जो भौतिक इच्छाओं, छल-कपट, और अचानक घटने वाली घटनाओं का प्रतीक है। यह व्यक्ति के जीवन में अप्रत्याशित बदलाव लाता है, जो कभी अच्छा हो सकता है तो कभी चुनौतीपूर्ण। राहु का प्रभाव मुख्य रूप से उसकी स्थिति, ग्रहों के साथ उसकी युति, और कुंडली के घर पर निर्भर करता है।
राहु के गुण और कार्य | Rahu Ke Gun aur Upay
सकारात्मक पक्ष (शुभ प्रभाव) | Rahu ke shubh prabhav
- राहु अगर कुंडली में शुभ स्थान पर हो, तो व्यक्ति को ग्लैमर, प्रसिद्धि, उन्नति, और धन-सम्पदा प्रदान करता है।
- यह विदेश यात्रा, उच्च तकनीक, और नई खोजों में सफलता दिला सकता है।
- राजनीति, फिल्म, या तकनीकी क्षेत्रों में कार्यरत लोगों के लिए राहु शुभ हो सकता है।
नकारात्मक पक्ष (अशुभ प्रभाव) | Rahu ke ashubh fal
- राहु अगर अशुभ स्थिति में हो, तो यह व्यक्ति के जीवन में भ्रम, मानसिक तनाव, और असफलताएँ लाता है।
- इसे धोखा, झूठ, और गलत संगति का कारक माना जाता है।
- राहु नशे, अनैतिक गतिविधियों और अप्रत्याशित दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।

कुंडली में राहु के प्रभाव | Kundali me Rahu ke Prabhav
राहु द्वारा प्रभावित घर और उनके परिणाम (Rahu ke Parinam / fal)
- पहला भाव (लग्न):
- व्यक्ति बहुत महत्वाकांक्षी हो सकता है लेकिन आत्मविश्वास की कमी और मानसिक अस्थिरता हो सकती है।
- चौथा भाव:
- पारिवारिक जीवन में अशांति, माता के स्वास्थ्य पर बुरा असर, और संपत्ति से जुड़े विवाद।
- सातवां भाव:
- वैवाहिक जीवन में समस्याएँ, जीवनसाथी से विवाद, और व्यापार में धोखा।
- दसवां भाव:
- राहु यहाँ शुभ हो तो व्यक्ति को करियर में बड़ी सफलता मिलती है, लेकिन अशुभ हो तो कार्यस्थल पर विवाद और संघर्ष।
- बारहवां भाव:
- व्यर्थ खर्च, कानूनी परेशानियाँ, और मानसिक अशांति।
राहु की महादशा और अंतरदशा | Rahu ki Mahadasha aur Anterdasha
राहु की महादशा 18 साल लंबी होती है। यदि यह शुभ हो, तो व्यक्ति को शानदार सफलता और जीवन में बड़े बदलाव मिलते हैं। लेकिन अशुभ दशा में यह तनाव, स्वास्थ्य समस्याएँ, और आर्थिक नुकसान लाती है।
राहु से बचने के उपाय: (Rahu ke upay)
राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष में कई उपाय सुझाए गए हैं:
- मंत्र जाप:
- राहु मंत्र:
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
- रोज़ 108 बार इस मंत्र का जाप करें।
- राहु मंत्र:
- दान:
- काले तिल, काले कपड़े, नारियल, और सरसों का तेल दान करें।
- शनिवार को गरीबों को भोजन कराएँ।
- पूजा-पाठ:
- हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ भी राहु के प्रभाव को कम करता है।
- मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर जाकर उनके चरणों में चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाएँ।
- भगवान शिव की पूजा करें, क्योंकि शिवजी राहु को नियंत्रित करने वाले देवता माने जाते हैं।
- शिवलिंग पर कच्चा दूध, जल, और बेलपत्र चढ़ाएँ।
- राहु यंत्र:
- राहु यंत्र धारण करें और उसकी नियमित पूजा करें।
- यह यंत्र राहु की अशुभ ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदलने में मदद करता है।
- साधना:
- शिवजी की आराधना करें और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
- रत्न:
- राहु के लिए हसौं (गौमेद) रत्न धारण करें, लेकिन इसे किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही पहनें।
- आचरण में सुधार:
- सत्य बोलें, छल-कपट से बचें, और अपनी संगति को शुद्ध रखें।
निष्कर्ष:
राहु जीवन में परिवर्तन का कारक है। अगर इसे सही तरीके से नियंत्रित किया जाए, तो यह बड़ी उपलब्धियाँ दिला सकता है। राहु से जुड़े उपाय अपनाकर इसके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में सकारात्मकता लाई जा सकती है। राहु से डरने बजाये हमें राहु के दुष्प्रभावों को कम करने के उपाय करने चाहिए। बहुत संभव है की आते समय राहु जितना कुछ हमसे ले लेता है , जाते समय उससे कही अधिक वह हमें वापस भी दे जाए।