हे नाथ अब तो ऐसी दया हो – प्रार्थना

ishwar prarthna hindi

हे नाथ! अब तो ऐसी दया हो,जीवन निरर्थक जाने न पाए। यह मन न जाने क्या क्या कराए,कुछ बन न पाया अपने बनाए। संसार में ही आसक्त रहकर,दिन-रात अपने मतलब की कह कर। सुख के लिए लाखों दुःख सहकर,ये दिन अभी तक यों ही बिताए। हे नाथ! अब तो ऐसी दया हो,जीवन निरर्थक जाने न … Read more

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